Friday, November 17, 2017

Woh intezaar nahi asaan, khatm jo na ho paye...

तुमसे दूर इस शक़्स का, ना पूछो क्या हाल है;
दर्द है, तड़प है, और हज़ारों सवाल है। 

कुछ ऐसे सवाल है, जिनके दर्दभरे जवाब है;
आरज़ू है तुम्हारी, पर हासिल सिर्फ ख़्वाब है।  

कल के चाँद से पूछो, हम रात भर जागते रहे;
तुम गहरी नींद में थे, पर हम तड़पते रहे। 

हाँ, पता है, सुबह होते, तुम इंतज़ार करोगे;
मेरे ना होने पर, परेशान से रहोगे। 

पर उस रात का क्या, जब दिल तरसते रह जायेगा,
तुम्हारा इंतज़ार करते, शायद थक भी जायेगा। 

वो इंतज़ार नहीं आसान, ख़त्म जो न हो पाए; 
वो इश्क़ नहीं आसान,मुमकिन जो न हो पाए।  


हाँ, पता है, सुबह होते, तुम इंतज़ार करोगे;
मेरे ना होने पर, परेशान से रहोगे। 

पर उस सुबह का क्या, जब तुम तलाशते रहो,
मगर पिछली रात ही, ये दिल धड़कना छोड़ दे?...

~ Ruu ~ 
17 November 2017









Tuesday, November 14, 2017

Talaashti nigaahey...


जिस राह पे है हम, ग़ज़ब की भीड़ है;
पर हम सबसे दूर, बस उनके कऱीब है... 
जिन्हें ढूँढ़ते हुआ अरसा, मगर वो दिखा नहीं,
फिर भी तलाशती रही, ये निगाहें भी अजीब है!

~Ruu 
14 November 2017