Tuesday, January 5, 2010

सालगिरह, जन्मदिन, या यादें ?

मुस्कुराते निकला है आफताब आज,
ज़रूर कोई बात हैं इस 'आज' में |
शायद जश्न-ए-ख़ास हैं, या फिर,
... आपकी याद है इस 'आज' में |

~ Ruu