न ‘तड़प’ से वास्ता था,
और न ही ‘चाहतो’ से;
धड़कने भी थी मद्धम –
बस, एक साल पहले …
न रातो को जागते थे,
न दर्द ये होते थे,
न तन्हाई से थी नफ़रत,
बस, एक साल पहले …
न ताकते थे रास्ते,
हम किसीके वास्ते;
न दील टूटता था –
बस, एक साल पहले …
न ख्वाब देखते थे,
न इंतेज़ार करते थे,
न ‘करिश्मे’ की थी हसरत –
बस, एक साल पहले …
न जीने का था शौक,
और ना ही थी ज़रूरत,
न ज़िंदगी से थे वाकीफ़ –
बस, एक साल पहले …
‘वजूद’ को मीला एक चेहरा,
‘चाहत’ को मीला एक नाम,
सीर्फ साल-भर की ज़िंदगी मीली –
बस, एक साल पहले …
बस, एक साल पहले …
~ Rups ~ 28th January 2008 ~ Bangalore
Last year, This Day, This time !!!
One year of Life, the Only year with Life?
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